Rakshabandhan: What is Bhadra Kaal, why don't we tie Rakhi?

रक्षाबंधन तिथि

हर साल रक्षाबंधन का त्योहार सावन की पूर्णिमा तिथि को मनाया जाता है।

रक्षाबंधन तिथि

इस साल सावन पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त पर सुबह 10:58 बजे से शुरू होकर 31 अगस्त सुबह 07:05 बजे पर खत्म हो जाएगी।

भद्रा

इस साल रक्षाबंधन पर भद्रा का साया है। 30 अगस्त सुबह 10:59 बजे से रात 09:01 बजे तक भद्रा रहेगी।

राखी बांधने का शुभ मुहूर्त

भद्रा के कारण राखी बांधने का शुभ मुहूर्त 30 अगस्त को रात 09:01 बजे से अगले दिन 31 अगस्त को सुबह 07:05 बजे तक ही रहेगा।

भद्रा में राखी

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, भद्रा के दौरान राखी बांधना अशुभ माना जाता है। क्या है कारण, जानिए।

सूर्य की पुत्री

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, सूर्य देव और छाया की पुत्री के रूप में भद्रा का जन्म हुआ था।

आक्रामक स्वभाव

कहा जाता है कि भद्रा उथल-पुथल करने वाली और आक्रामक स्वभाव की हैं।

हवन में बाधा

उपद्रवी स्वभाव के कारण भद्रा हवन पूजा आदि मांगलिक कार्यों में बाधा पहुंचाने लगीं।

ब्रह्मदेव

तब ब्रह्मदेव ने भद्रा से कहा कि उनके लिए एक समय तय किया जाता है, उस समय यदि कोई मंगल कार्य करे तो वे उसमें विघ्न डाल सकती हैं।

शुभ कार्य वर्जित

माना जाता है कि तभी से भद्रा काल में राखी बांधने जैसे कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना जाता है।

नोट

यह जानकारी सिर्फ मान्यताओं, धर्मग्रंथों और विभिन्न माध्यमों पर आधारित है। किसी भी जानकारी को मानने से पहले विशेषज्ञ से सलाह लें।

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